देवों के देव महादेव के अर्धनारी स्वरूप से तो हम सब परिचित हैं, लेकिन भगवान श्री कृष्ण के अर्धसुंदरी रूप से शायद हम सभी अनजान हैं…
हमारे पौराणिक और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक गोपाल सुंदरी मंदिर जहां भगवान श्री कृष्ण हमें अर्ध सुंदरी स्वरूप में दर्शन देते हैं। यह मंदिर भारत में केवल दो ही जगह पर हैं, उनमें से यह एक पवित्र मंदिर, सूर्यपुत्री मां तापी के तट पर बसे सूर्यपुर(सूरत शहर) की कहीं जाने वाली कुवारिका भूमि, यानी वह स्थान जहां कर्ण का अंतिम संस्कार किया गया था उस तीन पान के बरगत के पेड़ के बगल में हमारे नटखट कृष्ण अर्धसुंदरी स्वरूप में इस गोपाल सुंदरी मंदिर में विराजमान हैं…
कहा जाता है कि गोपाल सुंदरी के रूप में भगवान कृष्ण का ऐसा दूसरा मंदिर केवल दक्षिण भारत में ही है…
समग्र विश्व को राह दिखाता हजारों वर्ष पुरातन गौरवशाली भारतवर्ष के पौराणिक इतिहास एवं हमारे आराध्यों के विभिन्न रूपों की ऐसी अनेक गाथाओं को हम जानें और इससे जुड़ी मानव मूल्यों को सार्थक करती हमारी सांस्कृतिक परंपराओं का गौरवपूर्वक अनुसरण करते हुए हमें विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना हैं।